सीतामढ़ी सअ करीब 42 किलोमीटर उत्तर और नेपाल के तराई में स्थित जनकपुर, हिंदू सब के प्रधान तीर्थ अछि ! जनकपुर राजा जनक विदेह के राजधानी छल ! अहि ठाम माता जानकी के विवाह भेल छल। माता जानकी राजा जनक के पुत्री छलीह ! बचपन मे माता जानकी के शिवजी के विशाल धनुष उठा लेलक बाद , राजा जनक प्रतिज्ञा कएने छलाह जे ,अहि धनुष के उठाबय वाला संग सीता जी के विआह होएत! एहि लेल स्वयंवर भेल और अंततः भगवान श्री राम धनुष के उठा प्रत्यंचा चढ़ेला , जाहि स धनुष के तीन टुकड़ी भेल ! एक टुकड़ी स्वर्ग , एक टा पाताल, जाहि पर धनुष सागर पोखरि अछि ! तेसर टुकड़ा जतय खसल ओ अहि स्थान स सटले धनुष धाम के नाम स प्रसिद्ध अछि ! जानकी मंदिर के बारे मे कहल जाइत अछि जे एकरा भारत के ठीकमगढ़ के महारानी वृषभानुकुमारी संतान प्राप्ति के मन्नत पूरा भेलाक बाद , 1911 मे बनौले छलखिन्ह ! अहि मंदिर के निर्माण में ओहि समय नौ लाख के लागत आयल छल ,जाहि स एकरा ‘नौलखा मंदिर’ कहल जाइत छैक ! एहि मंदिर मे माता सीता… रामजी के संग भरत… शत्रुघ्न जीक मूर्ति सेहो अछि !
कते सोहाबन लागई मिथिला नगरी
सीतामढ़ी सअ करीब 42 किलोमीटर उत्तर और नेपाल के तराई में स्थित जनकपुर, हिंदू सब के प्रधान तीर्थ अछि ! जनकपुर राजा जनक विदेह के राजधानी छल ! अहि ठाम माता जानकी के विवाह भेल छल। माता जानकी राजा जनक के पुत्री छलीह ! बचपन मे माता जानकी के शिवजी के विशाल धनुष उठा लेलक बाद , राजा जनक प्रतिज्ञा कएने छलाह जे ,अहि धनुष के उठाबय वाला संग सीता जी के विआह होएत! एहि लेल स्वयंवर भेल और अंततः भगवान श्री राम धनुष के उठा प्रत्यंचा चढ़ेला , जाहि स धनुष के तीन टुकड़ी भेल ! एक टुकड़ी स्वर्ग , एक टा पाताल, जाहि पर धनुष सागर पोखरि अछि ! तेसर टुकड़ा जतय खसल ओ अहि स्थान स सटले धनुष धाम के नाम स प्रसिद्ध अछि ! जानकी मंदिर के बारे मे कहल जाइत अछि जे एकरा भारत के ठीकमगढ़ के महारानी वृषभानुकुमारी संतान प्राप्ति के मन्नत पूरा भेलाक बाद , 1911 मे बनौले छलखिन्ह ! अहि मंदिर के निर्माण में ओहि समय नौ लाख के लागत आयल छल ,जाहि स एकरा ‘नौलखा मंदिर’ कहल जाइत छैक ! एहि मंदिर मे माता सीता… रामजी के संग भरत… शत्रुघ्न जीक मूर्ति सेहो अछि !